समाजवाद क्या है ?
समाज मेँ सभी जातियोँ और वर्गोँ का सरकारी तंत्र मेँ उनकी आबादी के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व
ये परिभाषा समाजवाद के पिता कार्ल माकर्स की है l ऐसी ही परिभाषा हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के क्रांतिकारी भगत सिँह ने भी दी है
उत्तर प्रदेश मेँ निषाद समाज की सभी उपजातियोँ की आबादी इतनी है कि 404 विधान सभा की सीट मेँ से न्यूनतम 80 निषाद समाज की सभी उपजातियोँ से चुनी जानी चाहिए
खुद को समाजवाद के मुताबिक बताने वाली समाजवादी पार्टी ने क्या निषाद समाज के 80 उम्मीदवारोँ को टिकट दिए हैँ
अगर नहीँ तो हटा दो ये समाजवादी शब्द पार्टी के नाम से
सपा का नया नाम = जातिवादी पार्टी
बसपा का नया नाम = बपा बहुजन पार्टी
आइए आने वाली 26 जनवरी को संकल्प ले की समाजवाद के नाम पर अन्याय पूर्ण व्यवस्था को नहीँ सहेगेँ
जिस समाजवाद के लिए भगत सिँह आजाद जैसे लोगोँ ने जान दी वो आकर रहेगा
दोस्तोँ जिस दिन गाँव
गाँव मेँ निषाद समाज
ने एक एक जिन्दा
बच्चे औरत आदमी
को जाति को गिन कर
गुपचुप तरीके से
"जाति रजिस्टर" बना लेगी
और फिर सारे आकड़ोँ को जोड़ेगी
उसे पता चलेगा कि
उत्तरप्रदेश मेँ 60 प्रतिशत
निषाद समाज के लोग हैँ
निषाद समूह के कुछ बुद्विजीवी
लोगोँ का अनुमान कहता है
उत्तरप्रदेश मेँ
चाहे जैसे जोड़ो
न्यूनतम 45 प्रतिशत
निषाद समाज है
जरा सोचो तब क्या
होगा जब निषाद समाज को
पता चलेगा कि
उत्तरप्रदेश मेँ 60 प्रतिशत
निषाद समाज के लोग हैँ
अगर विधानसभा की
60 प्रतिशत सीटेँ
निषाद समाज को दे
दी जाए
केवल आधी सीटेँ चाहिए सरकार बनाने के लिए
आने वाले 1000 सालो
तक निषाद उत्तरप्रदेश पर राज्य करेँगेँ
आने वाले 1000 सालो
तक उत्तरप्रदेश का हर
मुख्यमंत्री निषाद होगा
हर मंत्री निषाद होगा
हर मंत्रालय के प्रमुख
की कुर्सी पर निषाद
बैठा होगा
पर कैसे होगा ये सब
आजादी मिले 65 साल
हो गए और हमारी जाति
के नेता एक जाति
रजिस्टर नहीँ बना पाए
अपने गाँव के नेता एक 15 रूपए
की रजिस्टर नोटबुक
क्या आप अपने नेता
को एक 15 रूपए की
कापी खरीद कर नहीँ दे सकते ?
निषाद समाज के नेता
से कहो
लिस्ट बनाए उन सब की जो आगामी मतदान मेँ वोट
देने वाले हैँ
देखना तुम्हारे गाँव मेँ
हर कोई वोट देने जाएगा
ठाकुर पंडित यादव
बम्बई दिल्ली गए
अपने रिश्तेदारोँ को
भी आने जाने का टिकट और पाँच सौ
रूपए भेज कर बुला
लेते हैँ
मतदाता सूची लेकर बैठो
एक एक चेहरे के बारे
मेँ पता लगाओ
वो गाँव मेँ किसके घर
का है और कहाँ रहता है
अपने दादा जी से पूछो
क्या ये ठाकुर
आपके गाँव मेँ पैदा हुआ था
ध्यान से देखो
सनसनीखेज खुलासे होगेँ
अपने आप को उत्तरप्रदेश मेँ
50 प्रतिशत
बताने के लिए
इन्होने अपने परिवार
के सदस्योँ की संख्या
बढा कर लिखाई है
हमारे गाँव मेँ अजय सिँह
के दो बेटे हैँ
मतदाता सूची मेँ इनके
18 बेटे और बेटियोँ के
नाम दर्ज हैँ
दोस्तोँ क्या 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीँ मिलना चाहिए
नहीँ बिल्कुल गलत बात
हर जाति को उसकी आबादी के हिस्सा से
हिस्सा मिलना चाहिए
अगर किसी राज्य मेँ ठाकुर ब्राह्मण की आबादी केवल 2 प्रतिशत है तो उस राज्य मेँ ठाकुर ब्राह्मणोँ को 2 प्रतिशत से ज्यादा सीटेँ नहीँ लेनी चाहिए
आबादी केवल 2 प्रतिशत
फिर भी ठाकुर ब्राह्मण चाहते है कि 50 प्रतिशत सीटेँ सामान्य वर्ग अर्थात ठाकुर लाला ब्राह्मण से भरी जाएँ
क्या ये शहीद भगत सिँह राजगुरू आजाद के समाजवाद के सपने को चकनाचुर करना नहीँ है
क्या ये देश के साथ द्रोह नहीँ कर रही
समाज मेँ सभी जातियोँ और वर्गोँ का सरकारी तंत्र मेँ उनकी आबादी के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व
ये परिभाषा समाजवाद के पिता कार्ल माकर्स की है l ऐसी ही परिभाषा हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के क्रांतिकारी भगत सिँह ने भी दी है
उत्तर प्रदेश मेँ निषाद समाज की सभी उपजातियोँ की आबादी इतनी है कि 404 विधान सभा की सीट मेँ से न्यूनतम 80 निषाद समाज की सभी उपजातियोँ से चुनी जानी चाहिए
खुद को समाजवाद के मुताबिक बताने वाली समाजवादी पार्टी ने क्या निषाद समाज के 80 उम्मीदवारोँ को टिकट दिए हैँ
अगर नहीँ तो हटा दो ये समाजवादी शब्द पार्टी के नाम से
सपा का नया नाम = जातिवादी पार्टी
बसपा का नया नाम = बपा बहुजन पार्टी
आइए आने वाली 26 जनवरी को संकल्प ले की समाजवाद के नाम पर अन्याय पूर्ण व्यवस्था को नहीँ सहेगेँ
जिस समाजवाद के लिए भगत सिँह आजाद जैसे लोगोँ ने जान दी वो आकर रहेगा
दोस्तोँ जिस दिन गाँव
गाँव मेँ निषाद समाज
ने एक एक जिन्दा
बच्चे औरत आदमी
को जाति को गिन कर
गुपचुप तरीके से
"जाति रजिस्टर" बना लेगी
और फिर सारे आकड़ोँ को जोड़ेगी
उसे पता चलेगा कि
उत्तरप्रदेश मेँ 60 प्रतिशत
निषाद समाज के लोग हैँ
निषाद समूह के कुछ बुद्विजीवी
लोगोँ का अनुमान कहता है
उत्तरप्रदेश मेँ
चाहे जैसे जोड़ो
न्यूनतम 45 प्रतिशत
निषाद समाज है
जरा सोचो तब क्या
होगा जब निषाद समाज को
पता चलेगा कि
उत्तरप्रदेश मेँ 60 प्रतिशत
निषाद समाज के लोग हैँ
अगर विधानसभा की
60 प्रतिशत सीटेँ
निषाद समाज को दे
दी जाए
केवल आधी सीटेँ चाहिए सरकार बनाने के लिए
आने वाले 1000 सालो
तक निषाद उत्तरप्रदेश पर राज्य करेँगेँ
आने वाले 1000 सालो
तक उत्तरप्रदेश का हर
मुख्यमंत्री निषाद होगा
हर मंत्री निषाद होगा
हर मंत्रालय के प्रमुख
की कुर्सी पर निषाद
बैठा होगा
पर कैसे होगा ये सब
आजादी मिले 65 साल
हो गए और हमारी जाति
के नेता एक जाति
रजिस्टर नहीँ बना पाए
अपने गाँव के नेता एक 15 रूपए
की रजिस्टर नोटबुक
क्या आप अपने नेता
को एक 15 रूपए की
कापी खरीद कर नहीँ दे सकते ?
निषाद समाज के नेता
से कहो
लिस्ट बनाए उन सब की जो आगामी मतदान मेँ वोट
देने वाले हैँ
देखना तुम्हारे गाँव मेँ
हर कोई वोट देने जाएगा
ठाकुर पंडित यादव
बम्बई दिल्ली गए
अपने रिश्तेदारोँ को
भी आने जाने का टिकट और पाँच सौ
रूपए भेज कर बुला
लेते हैँ
मतदाता सूची लेकर बैठो
एक एक चेहरे के बारे
मेँ पता लगाओ
वो गाँव मेँ किसके घर
का है और कहाँ रहता है
अपने दादा जी से पूछो
क्या ये ठाकुर
आपके गाँव मेँ पैदा हुआ था
ध्यान से देखो
सनसनीखेज खुलासे होगेँ
अपने आप को उत्तरप्रदेश मेँ
50 प्रतिशत
बताने के लिए
इन्होने अपने परिवार
के सदस्योँ की संख्या
बढा कर लिखाई है
हमारे गाँव मेँ अजय सिँह
के दो बेटे हैँ
मतदाता सूची मेँ इनके
18 बेटे और बेटियोँ के
नाम दर्ज हैँ
दोस्तोँ क्या 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीँ मिलना चाहिए
नहीँ बिल्कुल गलत बात
हर जाति को उसकी आबादी के हिस्सा से
हिस्सा मिलना चाहिए
अगर किसी राज्य मेँ ठाकुर ब्राह्मण की आबादी केवल 2 प्रतिशत है तो उस राज्य मेँ ठाकुर ब्राह्मणोँ को 2 प्रतिशत से ज्यादा सीटेँ नहीँ लेनी चाहिए
आबादी केवल 2 प्रतिशत
फिर भी ठाकुर ब्राह्मण चाहते है कि 50 प्रतिशत सीटेँ सामान्य वर्ग अर्थात ठाकुर लाला ब्राह्मण से भरी जाएँ
क्या ये शहीद भगत सिँह राजगुरू आजाद के समाजवाद के सपने को चकनाचुर करना नहीँ है
क्या ये देश के साथ द्रोह नहीँ कर रही
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