निषाद-कश्यप

निषाद
जाति भारतवर्ष
की मूल एवं
प्राचीनतम
जातियों में से एक
हैं। रामायणकाल में
निषादों की अपनी अलग
सत्ता एवं
संस्कृति थी , एवं
निषाद एक
जाति नहीं बल्कि चारों वर्ण
से अलग "पंचम वर्ण"
के नाम से
जाना जाता था।
आदिकवि महर्षि बाल्मीकि,
विश्वगुरू
महर्षि वेद व्यास,
भक्त प्रह्लाद और
रामसखा महाराज
श्रीगुहराज निषाद
जैसे महान आत्माओं
ने इस जाति सुशोभित
किया है।
स्वतंत्रता आन्दोलन
में भी इस समुदाय के
शूरवीरों ने बढ़ -
चढ़ कर हिस्सा लिया,
लेकिन आज इस समुदाय
के लोंगो में
वैचारिक भिन्नता के
कारण समुदाय
का विकास अवरुद्ध
सा हो गया है। उप -
जाति, कुरी, गौत्र के
आधार पर समुदाय
का विखंडन हो रहा है,
फलतः समुदाय के
सामाजिक , धार्मिक
आर्थिक एवं
राजनैतिक मान-
मर्यादा में ह्रास
हो रहा है।
इसी वैचारिक
भिन्नता का उन्मूलन
एवं उप -जाति, कुरी,
गौत्र के आधार
सामाजिक विखराव
को रोकने हेतु एक
प्रयास
किया जा रहा है। इस
ब्लोग के माध्यम से
हम अपने समुदाय के
सभी सदस्यों को भाषा,
क्षेत्र, उप-जाति,
कुरी, गौत्र जैसे
भेदभाव मिटाकर
आपसी एकता को मजबूत
करने का अनुरोध करते
हैं।
निषाद समुदाय
भाषा एवं क्षेत्र के
अनुसार विभिन्न
नामों से जाने जाते
है , जैसे कश्यप,
मल्लाह, बाथम,
रायकवार इत्यादि।
via-nishadkashyap.blogspot.com

7 comments:

  1. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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    For all Nishad Brothers and Sisters

    Happy Holi in advance


    Jai Nishadraj Jai Ekalavya

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  3. Jai Bharat, Jai Nishad !
    Jai Jai Sakha Shriram !

    Utho Dhara ke Veer Nishado, Akhand Bharat ka Nirman Kare I
    Chhod Vikhandta kee bate, Nishad Ekta ka Shanknad Kare ll

    Apke Sath
    Rajendra Singh Kewat
    Jabalpur
    9755013821

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  4. @shubham nishad nice one..............

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