मेहनत मजदुरी पैसा मौत

100/- रु रोज मजदुरी । 8 घण्टे रोज मेहनत। 20/- रु का रोज दारु । हजारो का रोज मौत । मजदुरो की यही है दास्ता । 

एक प्रश्न आपसे अगर आपके पास रहने के लिये घर न होका, खाने के लिये भोजन न मिलता, पहनने के लिये कपडे न होते तो आप क्या करते । 100रु पर रोज मजदुरी या चोरी या नक्शलवादी होते । क्या आपके पास जवाब है।