आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों का स्टेशन पर हंगामा

उत्तर प्रदेश गोरखपुर में बीती देर रात निषाद आंदोलनकारियों ने रेलवे स्टेशन के बाहर जमकर हंगामा मचाया. ये सभी वाराणसी में होने वाली पीएम मोदी की रैली में आरक्षण की मांग को लेकर हंगामा करने जा रहे थे.

इन सभी को वाराणसी जाने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस पर निषाद आंदोलनकारियों को चढ़ने से रोका गया था. इस दौरान पुलिस से भी तीखी झड़प हुई और आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी की.
मामला बिगड़ता देख एसपी सिटी ने कई थानों की पुलिस बुलवा ली.
लेकिन पुलिस को जैसी इस बात की सूचना मिली सभी को स्टेशन पर रोक लिया गया. वहीं आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन उनकी आवाज लाठी के बल पर दबाने की कोशिश कर रहा है.
आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों का स्टेशन पर हंगामा
निषाद समुदाय के लोग इस समय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इससे पहले भी सहजनवां थाना इलाके में कसरवल के पास रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था. इस दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई थी और पुुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
जिसके बाद पूरे प्रदेश में निषाद समुदाय के लोगों ने आंदोलन शुरू कर  दिया है.

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News18 | Anil Singh | Thu Jul 16, 2015 | 



कौन था वो अखिलेश, जो आरक्षण की लड़ाई में मारा गया? ब्यूरो मंगलवार, 9 जून 2015 अमर उजाला, गोरखपुर बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था अखिलेश आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में इटावा रहने वाले के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अखिलेश कुमार निषाद की गोली लगने से मौत हो गई थी और उसी के गांव का गणेश सिंह निषाद घायल हो गया था। अखिलेश के पेट में गोली लगने से पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग किए जाने पर सवाल खड़े हो गए थे। सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे अखिलेश के साथियों ने बताया कि एक अफसर के बगल में खड़े पुलिस वाले ने पिस्टल से अखिलेश पर गोली चलाई थी। आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों को रविवार को मगहर में रेलवे ट्रैक से हटाने के दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच संघर्ष हो गया था। पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया था। इस दौरान इटावा के अखिलेश कुमार निषाद और गणेश सिंह निषाद को गोली लग गई थी। जिसमें अखिलेश की मौत हो गई। जबकि गणेश दाहिनी आंख के नीचे गोली लगने से घायल हो गया माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी था अखिलेश अधिकारियों ने पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग किए जाने की बात कहते हुए अखिलेश को गोली लगने की घटना को जांच का विषय बताया था। सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे अखिलेश के साथ प्रदर्शन में शामिल युवकों ने आरोप लगाया कि एक अफसर के बगल में खड़े वर्दीधारी ने पिस्टल से गोलियां चलाई थीं, जिसकी एक गोली अखिलेश को और एक गणेश को लगी थी। आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक जाम करने के दौरान मारा गया अखिलेश माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी था। होनहार अखिलेश ने अपनी पढ़ाई के साथ गांव में स्कूल भी खोल रखा था और गांव के अन्य बच्चों को पढ़ाता था। 'उसकी वह हंसी हमेशा याद रहेगी' अखिलेश इटावा के बकेवर क्षेत्र के मड़िया दिलीप नगर निवासी आत्माराम निषाद का इकलौता बेटा था। अखिलेश की बड़ी बहन रंजना की शादी हो गई है जबकि संध्या और वंदना दो छोटी बहनें हैं। राज बहादुर डिग्री कॉलेज लखना इटावा से बीएससी तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे अखिलेश ने गांव में वीर एकलव्य विद्या मंदिर के नाम से स्कूल खोल रखा था। गांव के 14 लोगों के साथ आंदोलन में शामिल होने के लिए छह जून की शाम गोरखपुर के निकला था। इटावा से गोमती एक्सप्रेस से सभी 14 लोग लखनऊ पहुंचे और वहां से बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में सवार होकर सात जून की सुबह गोरखपुर पहुंचे। गोरखपुर से गोंडा पैसेंजर ट्रेन से ये लोग मगहर पहुंचे थे। 'अखिलेश की मौत की खबर ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। पूरे परिवार में अखिलेश सबसे होनहार था। गोरखपुर आते समय हंसते हुए मिला था। उसकी वह हंसी हमेशा याद रहेगी।' -अमृत कुमार, चचेरा बड़ा भाई

2 hrs · All India Nishad...

Nishad Andolan

पुलिसबल सहित एसपी डीआईजी के घायल होने की खबर पूर्णतया फर्जी है। सरकार को गुमराह करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने हमले की कहानी गढ़ी है। उल्टा पुलिस ने पथराब किया और भयंकर लाठी चार्ज किया जिससे लोगों में रोष फ़ैल गया।
 पुलिस के दमनात्मक रवैये का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि पुलिस के एक बड़े अफसर ने डॉ संजय निषाद की सफारी गाडी खुद फूँक दी।

Nishad

जिस निषाद का खून ना खौले
 खून नहीं वह पानी है
 जलवंशी के काम ना आए
 वह बेकार जवानी है